अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
आपने अपने साथ ऐसा होते महसूस किया होगा ना कि यार, सारा काम खुद करते करते थक गया हूँ, काश एक जना मेरे साथ होता।
हाँ या नहीं सच बताना दोस्त...
मैने मेरी किताब लिखने का काम करीब एक साल पहले किया था और अब भी करता जा रहा हूं।
मैंने किताब को करीब 15-20 बार संसोधित कर लिया है फिर भी अगर आप होते तो शायद और बेहतर कर पाता।
किताब के कवर को बनाने में कई घंटे लगाए है फिर भी लगता है कि आप होते तो अच्छा होता।
जब किसी के साथ एक और व्यक्ति का समर्थन जुड़ जाता है तो वो और बेहतर हो जाता है।
ऐसे ही आप मेरे साथ होते तो कितना बेहतर होता? ऐसे ही आपके काम मे आपके साथ मैं या कोई और होता है तो कितना बहतर होता ?
चलो कोई बात नहीं हम पहले मिले नहीं थे लेकिन अब मुझे विश्वास है किआप और मैं साथ मिलकर काम करेंगेआप तैयार है ना?
मुझे पूरा भरोसा है कि आपका उत्तर सकारात्मक है।
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